
जीतेश लोधी के परिजनों का कहना है कि पीठ से खून निकलने पर वे उसे एक चिकित्सक के पास ले गए, तो उन्होंने कुछ टांके लगाकर इलाज कर दिया। इसके बाद भी जीतेश को दर्द होता रहा और तकलीफ भी हुईं। डॉ. पालीवाल बताते हैं कि उन्होंने जब जीतेश का परीक्षण किया तो उन्हें कोई नुकीली वस्तु हृदय के पास नजर आई।
डॉ. पालीवाल कहते हैं कि जीतेश के शरीर से चाकू निकालना एक चुनौती थी। उन्होंने सिअर मशीन की मदद से चाकू किस जगह है उसका ठीक तरह से परीक्षण किया और अपने सहयोगियों की मदद से उसका ऑपरेशन किया। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि चाकू के नुकीले हिस्से से शरीर के किसी नाजुक अंग को क्षति न पहुंचे। जब चाकू उनकी पहुंच में आ गया तो उन्होंन तय किया कि चाकू को भोथरी (गैर नुकीली) तरफ से निकाला जाए। ऐसा इसलिए क्योंकि नुकीली तरफ से निकालने पर नाजुक अंग को आघात लगने की आशंका थी।
डॉ. पालीवाल ने बताया कि लगभग सवा घंटे तक चले आपरेशन के बाद सफलतापूर्वक लगभग छह इंच लम्बे चाकू को निकाल लिया गया। यह चाकू खून की धमनी से बमुश्किल दो सेंटीमीटर व हृदय से लगभग डेढ़ इच की दूरी पर चाकू था। अब जीतेश स्वस्थ्य है।
No comments:
Post a Comment