अजीज बर्नी इन दिनों खबर में हैं. आज जनसत्ता अखबार में भी फ्रंट पेज पर अजीज बर्नी से संबंधित दो कालम की स्टोरी छपी है. इसके पहले कई जगहों पर अजीज बर्नी के खिलाफ खबरें छपती रही हैं. खासकर अपनी किताब को लेकर अजीज बर्नी बुरी तरह फंसे हैं जिसमें उन्होंने मुंबई पर आतंकी हमले में आरएसएस का हाथ होने का शक जताया था. उधर कहने वाले खुद अजीज बर्नी की आतंकी हमले में मिलीभगत बता रहे हैं क्योंकि आतंकी हमले के दिन बर्नी पाकिस्तान में थे.
खैर, ये तो बात आरोप-प्रत्यारोप की है लेकिन ताजी सूचना ये है कि अजीज बर्नी सबसे ज्यादा परेशान सहारा में खतरे में पड़ चुकी अपनी नौकरी को लेकर हैं. इसी नौकरी को बचाने के लिए अजीज बर्नी ने सहारा में फ्रंट पेज पर दो कालम का माफीनामा प्रकाशित कर अपनी किताब के लिए खेद जताया और भरपूर माफी की मांग की. पर इतने से लगता है बात नहीं बनती दिख रही है. ताजी सूचना ये है कि सहारा और अजीज बर्नी के खिलाफ राष्ट्रद्रोह समेत कई तरह के मुकदमे दायर कराने वाले मुंबई के विनय जोशी से भी अजीज बर्नी ने मेल कर माफी मांगी है. इस माफीनामें में खासबात ये है कि बर्नी ने ये जाहिर कर दिया है कि उनकी नौकरी खतरे में है क्योंकि किताब पर हुए मुकदमें के कारण कोर्ट ने जो गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया है, उससे परेशानी बढ़ी हुई है.
ज्ञात हो कि विनय जोशी की तरफ से उनके वकील प्रशांत मग्गू ने दो साल पहले अजीज बर्नी के खिलाफ मुकदमा दायर करना शुरू किया और एक के बाद एक कई मुकदमें दायर किए. भड़ास4मीडिया के पास अजीज बर्नी द्वारा विनय जोशी से मांगी गई माफी से संबंधित मेल मौजूद है. उसे हम यहां प्रकाशित कर रहे हैं. पर बड़ा सवाल ये है कि माफीनामों की इस श्रृंखला के बावजूद अजीज बर्नी की नौकरी सहारा में बच पाएगी?
कभी सुब्रत राय सहारा के काफी करीबी रहे अजीज बर्नी के दिन उपेंद्र राय के आने के बाद से जो लदने शुरू हुए हैं तो वापस आने के नाम नहीं ले रहे. और, अपनी स्थिति मजबूत करने के चक्कर में जो माफीनामें अजीज बर्नी प्रकाशित करा रहे हैं, उससे उनकी स्थिति और खराब होती दिख रही है क्योंकि अब ये बात ज्यादा लोगों को पता चल चुकी है कि अजीज बर्नी ने कैसे कैसे आरोप किन किन पर लगाए और अब उन्हीं लिखे-पढ़े के लिए माफी मांगते घूम रहे हैं. अजीज बर्नी लंबी छुट्टी पर भेजे जा चुके हैं. देखिए, उनकी छुट्टी कब खत्म होती है या उनकी एकदम से छुट्टी हो जाती है. यहां हम अजीज बर्नी द्वारा विनय जोशी को प्रेषित मेल को प्रकाशित कर रहे हैं...
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