जनसंपर्क कार्यालय की तरफ से पैसे बांट कर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कुछ बात को छुपाने के लिए पत्रकारों को लालच दिया जा रहा है। जयपुर का विकास करने में चार चॉद लगाने वाले जेडीए में इतना भ्रष्टाचार फैला हुआ है कि अक्सर अधिकारी रिश्वत लेते हुए एसीडी के हत्थे चढ़ जाते हैं। इसके कुछ दिनों तक वहां वातावरण शांतिपूर्ण चलता है लेकिन वापस फिर अपने ढर्रे पर आ जाता है। आम आदमी की मेहनत की कमाई जेडीए के अफसरों की जेब में चली जाती है।
मेहनत मजदूरी करके लोग अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, लेकिन अपने घर का सपना साकार करने के लिए जेडीए के चपरासी से लेकर अफसर तक जी हुजूरी करनी पड़ती है, लेकिन जी हुजूरी के बाद भी उनको पटटे बनाने या हस्तान्तरण कराने के लिए मोटी रकम देनी पड़ती है। सूत्रों के अनुसार जेडीए के जनसम्पर्क कार्यालय में लिफाफे बांटने से यह प्रतीत होता है कि इसमें भी कुछ ना कुछ गड़बड़ दिखाई दे रही है। इसकी अगर जांच कराई जाए तो कुछ ना कुछ तो मामला सामने आ सकता है। इसमें चाहे विज्ञापन का मामला हो या अन्य कोई मामला हो कई मामले सामने आने की संभावना बढ़ गई है।
No comments:
Post a Comment