भारतीय सॉपऊटवेयर उद्योग के सुदृढीक़रण के लिए एफओएसएस
भारतीय सॉपऊटवेयर उद्योग के सुदृढीक़रण और डिजीटल खाई को पाटने के लिए फ्री एंड ओपन सोर्स सॉपऊटवेयर (एफओएसएस) के सर्वांगीण उन्नयन के लिए एक पारितंत्र का निर्माण करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सी-डैक और एयू-केबीसी रिसर्च सेन्टर, चेन्नई में फ्री ओपन सोर्स सॉपऊटवेयर के लिए नेशनल रिसोर्स सेंटर (एनआरसीएफओएसएस) स्थापित किया गया है जो देश में एफओएसएस समुदाय को डिजाइन, विकास, प्रशिक्षण और सहयोगी सेवाएं प्रदान करेगा और मुक्त संसाधन भंडार (ओपन सोर्स पूल) में योगदान करके वैश्विक एफओएसएस पारितंत्र को भी मजबूत बनाएगा। (www.nrcfoss.org.in)
देश में विकसित संचालन प्रणाली
एनआरसीएफओएसएस ने भारतीय भाषा के सहयोग से जीएनयू लाइनक्स आधारित भारत ऑपरेटिंग सिस्टम सॉल्यूशंस संचार प्रणाली (बीओएसएस) देश में विकसित किया है। बीओएसएस डेस्कटॉप वर्जन 3.1 और बीओएसएस सर्वर वर्जन 1.0 को उपयोग के लिए जारी कर दिया गया है। वर्तमान में बीओएसएस डेस्कटॉप वर्जन 18 भारतीय भाषाओं को सहयोग देता है--असमी, बंगाली, बोडो, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगू और उर्दू। बीओएसएस में मल्टीमीडिया सहयोग, कैमरे और स्कैनरों, यूएसबी उपकरण, ऑन-लाइन डिक्शनरी, इंटरनेट उपकरण और मोबाइल इंटरनेट उपकरणों इत्यादि से जोड़ने के लिए सहयोग जैसे फीचर हैं। बीओएसएस को http://www.bosslinux.in से डाउनलोड करके लगाया जा सकता है। बीओएसएस के डेस्कटॉप और सर्वर दोनों वर्जनों ने 'द लाइनक्स फाउंडेशन से लाइनक्स स्टैंडर्ड बेस का प्रमाण पत्र प्राप्त किया है जो यह सुनिश्चित करता है कि एलएसबी (लाइनक्स स्टैंडर्ड बेस) से प्रमाणित प्रत्येक उपकरण बीओएसएस पर उचित रूप से कार्य करेगा। बीओएसएस ने सुरक्षा लेखा-जोखा, क्रिप्टोग्राफिक सहयोग, ऑबजेक्ट के पुनर्प्रयोग की सुविधा, यूजर डाटा प्रोटेक्शन (प्रयोगकर्ता डाटा संरक्षण), पहचान और प्रमाणीकरण, सुरक्षा प्रबंधन इत्यादि जैसे सुरक्षा फीचरों को शामिल किया है।'
तकनीकी सहयोग प्रदान करना
प्रयोगकर्ताओं को तकनीकी सहयोग प्रदान करने के लिए देशभर में बीओएसएस सहयोग केन्द्रों का नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है। अभी तक सी-डैक के सभी केन्द्रों और डीआईटी, दिल्ली समेत 13 ऐसे केन्द्र कार्यरत हैं। टेलीफोन, ई-मेल और वेब पर सहयोग प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय हैल्प डेस्क भी स्थापित किया गया हे। 2 टेरा बाइट्स की क्षमता और 8 एमबीपीएस के संपर्क के साथ सी-डैक चेन्नई में डाटा केन्द्र स्थापित किया गया है जहां प्रयोगकर्ताओं और विकासकर्ताओं की सुविधा के लिए बीओएसएस का भंडार रखा गया है। अभी तक विभिन्न मंचों और समारोहों में बीओएसएस के 80,000 से भी अधिक डीवीडी नि:शुल्क रूप से वितरित किए गए हैं।
स्वीकार किए जाने के लिए प्रयास
एनआरसीएफओएसएस ने प्रशिक्षण कार्यशालाओं के माध्यम से और सहयोग प्रदान करके जागरूकता पैदा करके देश में बीओएसएस को आत्मसात करने के लिए व्यापक प्रयास किए हैं।
ई-गवर्नेंस के कार्यों के लिए छत्तीसगढ आैर केरल में बीओएसएस को लगाया गया है। एनआईसी द्वारा विकसित एवं संचालित ई-गवर्नेंस कार्यों में देशभर में बीओएसएस की नियुक्ति के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर दिया गया है। पंजाब राज्य सरकार एवं शिक्षा अभियान कार्यक्रम के तहत लगभग 5000 स्कूलों में बीओएसएस को तैनात कर रही है। भारतीय नौसेना ने अपने कार्यालय के कार्यों के लिए बीओएसएस को स्वीकार किया है। स्कूली बच्चों की ओर लक्षित एजु बीओएसएस नामक बीओएसएस का एक शिक्षण संस्करण लाया गया है, जिसे केरल में राज्य के आईटी @ स्कूल्स कार्यक्रमों के माध्यम से अग्रणी आधार पर लागू किया जा रहा है।
आगे बढाने की उपलब्धता
एनआरसीएफओएसएस ने एफओएसएस सक्षम मानवश्रम की उपलब्धता को बढाने के लिए नियमित शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों, कार्यशालाओं और समारोहों का आयोजन करते हुए अनेक कदम उठाए हैं। एनआरसीएफओएसएस विभिन्न विश्विविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों से बातचीत कर रहा है ताकि पाठयक्रम तैयार करने में, पाठयक्रम सामग्री विकसित करने में और शिक्षकों का प्रशिक्षण आयोजन करने में उनकी मदद कर सके। एफओएसएस के विषयों को अन्य विश्वविद्यालय कोयम्बटूर में केन्द्रीय पेपर के रूप में और अनेक अन्य विश्वविद्यालयों और स्वायत्त संस्थानों में चयन किए जाने वाले पेपरों के रूप में शुरू किया गया है। अन्य कॉलेज विश्वविद्यालय अभी अपने पाठयक्रम में एफओएसएस के विषयों को चयनित विषयों के रूप में शुरू करने की प्रक्रिया में हैं। एनआरसीएफओएसएस की चरण-2 परियोजना को सी-डैक (चेन्नई, हैदराबाद, मुम्बई, दिल्ली), आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी मद्रास और एयू-केबीसी रिसर्च सेंटर, चेन्नई के साथ सामूहिक रूप में शुरू किया गया है। चरण-2 परियोजना को एफओएसएस प्रमाणीकरण और एफओएसएस भंडारग्रहों की स्थापना, ई-लर्निंग उपकरणों, एपओएस के प्रभाव का विश्लेषण, एफओएसएस के उपकरणों को अंगीकृत करना, मोबाइल उपयोगों, सेवा के रूप में सॉपऊटवेयर (एसएएएस), कम्पाइलरों, संचालन तंत्रों के रूप में एफओएसएस की खास प्रौद्योगिकियों और समाधानों पर अनुसंधान व विकास के व्यापक उद्देश्यों के साथ शुरू किया गया है। इस परियोजना के तहत सी-डैक हैदराबाद में ओपन सोर्स सॉपऊटवेयर में प्रमाणीकरण पाठयक्रम प्रस्तुत करने और मानकों को लागू करने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए एक ओपन सोर्स वाक-इन-लर्निंग सॉल्यूशंस लेबोरेटरी स्थापित की गई है। इस परियोजना के तहत आईआईटी बॉम्बे में जीसीसी (जीएनयू संकलन संग्रह) में वृध्दि की गई है। यह परियोजना देश में एफओएसएस को तीव्र गति से अंगीकृत करने के लिए एक दृढ पारितंत्र के निर्माण में मदद करेगी।
सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग से साभार
Date: 01-09-2010
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