Wednesday, September 29, 2010

लखनऊ। आखिर वह घड़ी आ गई, जिसका इंतजार साठ साल से हो रहा था। अयोध्या में विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की विशेष पीठ गुरुवार को अपना

लखनऊ। आखिर वह घड़ी आ गई, जिसका इंतजार साठ साल से हो रहा था। अयोध्या में विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट की विशेष पीठ गुरुवार को अपना फैसला सुनाएगी। न्यायमूर्ति एस.यू. खान, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति धर्मवीर शर्मा की पीठ ने फैसला सुनाने का वक्त अपरान्ह साढ़े तीन बजे तय किया है।
हाई कोर्ट की विशेष पीठ के सामने वर्ष 1995 से इस मामले में गवाही शुरू हुई थी। कुल 33 गवाह मस्जिद पक्ष और 54 गवाह मंदिर पक्ष से पेश हुए। करीब 15,000 पृष्ठों पर गवाही दर्ज हुई है। हाई कोर्ट की विशेष पीठ ने इसी साल 26 जुलाई को मामले की सुनवाई पूरी की है। इसके बाद 24 सितंबर को फैसले की तारीख नियत की गई थी, लेकिन 23 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस पर अंतरिम रोक लगा दिए जाने से यह संभव नहीं हुआ। यह रोक पूर्व नौकरशाह रमेशचंद्र त्रिपाठी की उस याचिका पर दिया गया, जिसमें सुलह-समझौते की कोशिश के लिए फैसला टालने की अपील की गई थी। हालांकि, 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने त्रिपाठी की याचिका को खारिज कर दिया और फैसले का रास्ता साफ हुआ।
साठ साल से जारी मुकदमेबाजी
विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर पिछले साठ साल से मुकदमेबाजी चल रही है। इस संबंध मे सिविल जज [मुंसिफ अदालत], फैजाबाद की अदालत में कुल चार दावे दाखिल थे। सिविल जज, फैजाबाद ने छह जनवरी, 1964 को एक आदेश जारी कर चारों मुकदमे सामूहिक सुनवाई के लिए एक साथ जोड़ दिए। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने 10 जुलाई, 1989 को प्रथम चार मुकदमे मौलिक व सामूहिक सुनवाई के लिए हाई कोर्ट में स्थानातरित किए। पाच फरवरी, 1992 को दिगंबर अखाड़ा के परमहंस रामचंद्र दास [अब दिवंगत] ने मुकदमा वापस लिया। इसी तारीख को हाई कोर्ट ने वादी राम लला विराजमान के मुकदमा को भी अन्य मुकदमों के साथ सामूहिक सुनवाई के लिए हाई कोर्ट में मंगवाया। इस तरह कुल चार मुकदमे हैं।
सौ बिंदुओं पर फैसला लेकिन चार प्रमुख
बुनियादी वाद भले ही यह है कि अयोध्या का जो विवादित स्थल है, उस पर मालिकाना हक किसका है? लेकिन, विशेष पीठ को सौ से ज्यादा बिंदुओं पर फैसला सुनाना है। उसमें भी चार प्रमुख हैं-[1] क्या प्रश्नगत विवादित स्थल श्री रामचंद्र की जन्मभूमि है? [2] क्या स्थल मुगल बादशाह बाबर द्वारा वर्ष 1528 में बनवाई गई बाबरी मस्जिद है? [3] क्या वहा पर वर्ष 1949 में भी श्रीराम की मूर्तिया विराजमान थीं? [4] क्या वर्ष 1949 के पहले विवादित स्थल पर नमाज पढ़ी जाती थी? फैसला इस पर भी आना है कि क्या करीब सवा सौ साल पहले [1885-86 में] इसी मसले पर सुनाया गया अदालत का फैसला अभी लागू है? निर्मोही अखाड़ा ने [तत्कालीन] मस्जिद से सटे राम चबूतरे पर मंदिर बनाने का दावा किया था, जिसे अदालत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ऐसा होने से वहा हर रोज विवाद होता रहेगा।
प्रदेश में 1,90,000 जवानों के हाथ सुरक्षा
नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बताया कि पूरे देश में इस फैसले के मद्देनजर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। गृह मंत्री ने कहा, 'कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखने के लिए केंद्र ने पर्याप्त उपाय किए हैं। देश भर में पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में हर तरह के पुलिस बल को मिलाकर कुल एक लाख 90 हजार पुलिसकर्मी हैं। कानून व्यवस्था की स्थिति कायम करने के लिए यह संख्या काफी है।'
अगले आदेश तक समूह एसएमएस पर रोक
चिदंबरम ने कहा, 'समूह [बल्क] एसएमएस और एमएमएस पर प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा।' उन्होंने बताया कि गड़बड़ी फैलाने की कथित कोशिश के रूप में सरकार को संकेत मिला था कि समूह एसएमएस के जरिए संदिग्ध संदेश भेजे जा रहे हैं। इसी वजह से सरकार ने इस पर 22 सितंबर को प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। बाद में इसे बढ़ाकर पहले 29 सितंबर और फिर 30 सितंबर कर दिया गया था।
मनमोहन, सोनिया ने की शांति की अपील
अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन [संप्रग] की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देशवासियों से शांति की अपील की है। सिंह की ओर से मीडिया में जारी अपील में कहा गया, 'अदालत के इस निर्णय को पूरा सम्मान मिलना चाहिए। सभी वर्गो के लोगों के लिए इस फैसले के बाद धैर्य और शांति कायम रखना जरूरी है। लोगों के किसी वर्ग के द्वारा दूसरे वर्ग को उकसाने का कोई प्रयास नहीं किया जाना चाहिए अथवा ऐसी कोई बात नहीं की जानी चाहिए जो दूसरों की भावनाएं आहम करें। सरकार सभी वर्गो से यह अपील करती है कि वे फैसले के बाद शांति व्यवस्था कायम रखें।' सोनिया गांधी की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'मेरा सबसे विनम्र अनुरोध है कि जो भी निर्णय हो उसे उदारता से स्वीकार करें। पहले की तरह न्यायपालिका पर आस्था रखते हुए हर कीमत पर शांति, आपसी सद्भाव और भाईचारा बनाए रखें। भावनात्मक एकता ही भारतीय समाज और राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है।'
चिदंबरम को याद आए महात्मा गांधी
अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के मद्देनजर कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की आशंका के बीच केंद्रीय गृह मंत्री चिदंबरम को महात्मा गांधी याद आ गए। उन्होंने बापू के लोकप्रिय भजन की पंक्तियां पढ़कर देशवासियों से शांति और सद्भाव की अपील की, 'ईश्वर अल्ला तेरो नाम, सबको सन्मति दे भगवान।' चिदंबरम ने समाज के सभी वर्गो से कहा, 'वे उन मूल्यों को बरकरार रखें, जिनकी वजह से भारत का नाम दुनिया में मशहूर है।' साथ ही कहा, 'इस फैसले में न कोई जीतेगा और न हारेगा। जो हाई कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट होगा, उसे सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार होगा।'
सुरक्षा, सख्ती, संयम
लखनऊ, जागरण ब्यूरो : सूबे में अमन और सद्भाव बनाये रखने के लिए सरकार ने जबर्दस्त सुरक्षा प्रबंध किये हैं। अफसरों को लापरवाही न बरतने की हिदायत दी गयी है और आम जनता से संयम बरतने की अपील की गयी है। मुख्यमंत्री मायावती खुद सभी सुरक्षा प्रबंधों पर नजर रख रही हैं।
सुरक्षा : अप्रिय घटना रोकने को ढाई लाख से अधिक सुरक्षाकर्मी प्रदेश में तैनात हैं। सेना से भी मदद के लिए तैयार रहने का अनुरोध। नेपाल से जुड़ी सीमा सील। केन्द्र से मिला 52 कम्पनी अर्धसैनिक बल अयोध्या व हाईकोर्ट परिसर की सुरक्षा में तैनात। इनमें 40 कम्पनी सीआरपीएफ तथा 12 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स के जवान शामिल। 19 जिले अति संवेदनशील व 25 जिले संवेदनशील मानकर वहा सुरक्षा के विशेष प्रबंध किये गये है। अयोध्या में 20 कम्पनी अर्धसैनिक बल, 30 कम्पनी पीएसी, पाच हजार होमगार्ड और 10 हजार पुलिसकर्मी तैनात। अतिसंवेदनशील माने गए 19 जिलों में पाच-पाच तथा संवेदनशील 25 जिलों में तीन-तीन और सामान्य माने गए जिलों में एक से दो कम्पनी पीएसी तैनात।
सख्ती : धारा 144 लागू होने के कारण जुलूस और मार्च पर प्रतिबंध। फैसले के मद्देनजर आतिशबाजी और मिठाई बाटने तक पर रोक। शांति व्यवस्था बनाने के लिए संवेदनशील स्थलों पर चेकिंग तेज। होटल, लाज एवं धर्मशालाओं में ठहरे लोगों के बारे में पड़ताल। अब तक उन्माद फैलाने के आरोपी रहे 45 हजार से भी अधिक लोग पाबंद। सभी जिलाधिकारियों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप निर्णय लेने की हिदायत।
संयम : जिलों में थानास्तर पर बनायी गई शाति समितियों के जरिये गावों, मोहल्लों में अमन चैन बनाये रखने की कोशिश। लगभग डेढ़ हजार थानों में 15 हजार से अधिक पुलिस मित्रों को भी सक्रिय किया गया है। अमन चैन बनाये रखने के लिए आगनबाड़ी, स्वास्थ्यकर्मी, लेखपाल, सिंचाईकर्मी, राजस्वकर्मी, प्रधान, राशन दुकानदारों, वकील, डाक्टर व व्यापारी समुदाय का सहयोग शामिल। सभी थानों एवं शहर के महत्वपूर्ण स्थलों पर सार्वजनिक सूचना प्रणाली [पब्लिक एड्रेस सिस्टम] लागू।
अमन-चैन बहाली के लिए तैनात सुरक्षाकर्मी
पुलिसकर्मी - 124778
पीएसी -25847
होमगार्ड -80000
पीआरडी स्वयं सेवक -20000
अर्धसैनिक बल -52 कंपनी [एक कम्पनी में सौ जवान]
लखनऊ, जाब्यू : अप्रिय घटना की रोकथाम को डीजीपी कार्यालय को तत्काल सूचना देने को कहा गया है। डीजीपी कार्यालय में इसके लिये एक कंट्रोलरूम बनाया गया है। यहां फोन नम्बर-2206901, मोबाइल नम्बर- 94544002508, 09, 10 तंथा हेल्पलाइन नम्बर-9307100100 एवं 9984100100 पर अयोध्या मामले को लेकर क्षेत्र में अफवाह फैलने, मारपीट या विवाद होने सम्बंधी घटनाओं के साथ ही क्षेत्र में हुई किसी अवांछनीय गतिविधियों के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक पीएसी आरपी सिंह ने यहां उक्त जानकारी दी। उन्होंने कहा हर सूचना पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी।

लखनऊ, जाब्यू : जिलों में सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लेने के लिए आला पुलिस अफसरों के लिए तीन हेलीकाप्टर की व्यवस्था की गयी है, जिनसे उन्होंने बुधवार को कई जिलों का निरीक्षण भी किया। यह सिलसिला अगले आदेश तक जारी रहेगा। रात्रि में इनसे अयोध्या सहित विभिन्न शहरों का जायजा लिया गया। अफसरों ने सर्च महत्वपूर्ण स्थलों, शहरों में की गयी बेरीकेटिंग पर तैनात पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी से जुटे हैं या नहीं इसकी चेकिंग की जायेगी।
 

No comments:

Post a Comment