व्यक्तित्व का आइना भी है आपकी लिखावट
किसी भी व्यक्ति के लिए उसकी लिखावट उसके व्यक्तित्व का आइना होती है। स्कूलों में लिखावट पर काफी ध्यान दिया जाता है ताकि छात्रों में बचपन से ही अक्षरों को सुन्दरता से लिखने की कला आ
जाए। कई-बड़ी कंपनियां तो लिखावट के आधार पर ही कर्मचारी को नौकरी दे रही हैं। सुन्दर लिखावट लोगों को अच्छी लगती है। स्कूल में शिक्षक हमेशा स्याही वाली कलम से बच्चों को लिखने की सलाह
देते थे ताकि लिखावट सुुन्दर बन सके। लेकिन अब दौर बदल गया है। बच्चे पेंसिल की बजाय पेन का प्रयोग करने लगे हैं। बावजूद इसके अच्छी लिखावट पर शिक्षक जोर देते हैं। छुटि्टयों के दौरान
बच्चों को अपनी लिखावट और बेहतर करने के लिए कहा जाता है। ग्रीष्मकालीन शिविर में कैलीग्राफी के माध्यम से बच्चों की लिखावट सुधारी जाती है।
लिखावट से व्यक्तित्व की तस्वीर-
भारत में आज भी 85 से 90 फीसदी बच्चे हाथ से लिखकर परीक्षा देते हैं। स्कूलों में छात्रों के ज्ञान के साथ-साथ उनकी लिखावट को भी महत्ता दी जाती है। पेपर में लिखावट के साथ-साथ स्पष्ट लिखावट
को भी महत्व दिया जाता है। कई छात्रों को सही उत्तर लिखने के बाद भी कम अंक मिलते हैंं क्योंकि उनकी लिखावट सुन्दर और स्पष्ट नहीं होती। देखने वालों को समझ नहीं आता और नंबर कम आ
जाते हैं। लिखावट सही नहीं होने से कई बार अक्षर एक दूसरे से मिल जाते हैं और देखने वालों को कुछ और पढ़ा जाता है। हमेशा याद रखें कि सुन्दर और स्पष्ट लिखावट से स्कूल, कालेज या दूसरी जगह
लोग आपको पसन्द करते हैं। सुन्दर लिखावट बेहतर ग्रेड भी दिला सकती है।
बढ़िया लिखावट उम्र की मोहताज नहीं-
किसी भी हुनर को हासिल करने की कोई उम्र नहीं होती। अच्छी लिखावट का हुनर किसी भी उम्र में हासिल कर सकते हैं चाहे वह दस साल की उम्र में मिले या 60 साल की उम्र में। गलत ढंग से बैठना,
लिखते वक्त गलत ढंग से पेन पकड़ना यह कुछ मुख्य कारण हैं खराब लिखावट के। अगर हम जल्दी-जल्दी लिखते हैं तो कई बार जवाब गलत लिख जाते हैं। जब भी आप पेपर देने जाएं तो हमेशा अपनी
लिखावट पर ध्यान दें। छोटे बच्चों को भी अपनी लिखावट पर ध्यान देना चाहिए ताकि बड़े होकर उनकी लिखावट और सुन्दर व स्पष्ट बन सके।
सुन्दर लिखावट होती है दिमाग से-
किसी भी व्यक्ति की सुन्दर लिखावट उसके दिमाग की उपज होती है। एक व्यक्ति अगर सुन्दर लिखाई लिखता है तो वह मानसिक रूप से उस लिखावट को लिखना चाहता है। कई बार हम अपने भाव पर
काबू नहीं रख पाते, जिस वजह से हमारी लिखावट खराब हो जाती है। सुन्दर लिखावट के लिए आपको अपने दिमाग को सन्देश देना होगा। विज्ञान ने यह बात साबित कर दी है कि 21 दिन तक अगर
किसी भी चीज को पाने की कोशिश लगातार की जाए तो वह मिल जाती हैं। अपने विचार या अपनी लिखावट में भी फर्क के लिए आपको सिर्फ 21 दिन का वक्त तो चाहिए ही।
लिखने का सही तरीका-
सुन्दर और स्पष्ट लिखावट आपको बेहतर नंबर या ग्रेड दिला सकती है। सुन्दर लिखावट के लिए हमेशा कर्सिव (प्रवाही) लिखावट की सलाह दी जाती है। लिखने का सही तरीका यह है कि आप अपनी
कलम को एक इंच ऊपर से पकड़ें और 30 सेंटीमीटर की दूरी कागज और अपनी आखों से रखें। शिक्षकों को चाहिए कि वह शुरू से ही बच्चों को सुन्दर और स्पष्ट लिखावट लिखने की प्रेरणा देते रहें।
अभिभावक भी बच्चों की लिखावट पर नज़र रखें और उन्हें समझाएं और लिखना भी सिखाएं। खुद भी लिख कर दिखाएं। इससे उन पर प्रभाव पड़ता है।
कुछ विशेष बातें-
सुन्दर और स्पष्ट लिखावट आपकी मानसिक विशेषता को दर्शाता है। जो लोग बड़ी कंपनी में बड़े पद जैसे ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर या जनरल मैनेजर बनना चाहते हैं उन्हें लिखावट के आधार पर भी प्रमोशन
दी जाती है। सुन्दर लिखावट किसी भी व्यक्ति की विशेषता को दर्शाता है जैसे बुद्धिमत्ता, सच्चाई, ईमानदारी, बातचीत का तरीका और आत्मविश्वास। इसलिए लिखावट न सिर्फ आपके व्यक्तित्व का हिस्सा है
बल्कि आपके प्रोफेशनल जीवन के प्रति सोच को भी प्रकट करता है।
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