जुर्म की गुत्थयां सुलझाने में मदद करे क्रिमिनोलॉजी
क्रिमिनोलॉजी यानी अपराध विज्ञान ही वो साधन है, जिसके जरिए पुलिस हत्या, बलात्कार और विस्फोट जैसे पेचीदा से पेचीदा अपराध की गुत्थी सुलझा लेती है। हालांकि नई तकनीक के आने से अपराध के
तरीकों में भी बदलाव आया है। लेकिन क्रिमिनोलॉजी एक ऐसा विज्ञान है, जो देर-सवेर बदमाशों को धर दबोचने में अहम भूमिका निभाता है। इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और इसमें बढ़ोत्तरी
भी हो रही है।
अगर आप चुनौती भरा कंरियर चाहते हैं तो इस क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए मुख्यतौर पर दो पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। उनमें स्नातक स्तर पर बीएससी फोरेंसिक
साइंस और बीए क्रिमिनोलॉजी है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी को विज्ञान विषय सहित बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। कला संकाय वाले अभ्यर्थी को सिर्फ क्रिमिनोलॉजी में ही प्रवेश
मिलता है। इसके अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम भी कराए जाते हैं। वहीं फोरेंसिक बैलेस्टिक में विशेषज्ञता के लिए भौतिक स्नातक, फोरेंसिक मेडिसीन के
लिए बीडीएस और क्रिमिनोलॉजी के लिए एलएलबी की डिग्री की आवश्यकता है। इन पाठ्यक्रमों में दाखिला प्रवेश परीक्षा या स्नातक के अंकों के आधार भी मिल जाता है। पाठ्यक्रम की अवधि स्नातक 3
वर्ष, स्नातकोत्तर दो वर्ष और डिप्लोमा का एक वर्ष का होता है।
क्रिमिनोलॉजी का क्षेत्र रोजगार की संभावनाओं से भरपूर है। पाठ्यक्रम पूरा करने वाले अभ्यर्थी को फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिक तथा सुरक्षा और खुफिया विभाग में फोरेंसिक विशेषज्ञ के तौर पर काम
करने का अवसर मिलता है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों, शोध संस्थानों, बैकों और बीमा कंपनियों में भी काम के अवसर मौजूद हैं वहीं फोरेंसिक मेडिसीन विशेषज्ञों की लेक्चरर, रीडर और प्रोफेसर के
पदों पर नियुक्ति होती है।
ज्यादा जानकारी इन संस्थानों से हासिल कर सकते हैं-
- कर्नाटक विश्वविद्यालय, कर्नाटक।
- उप्कल विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर।
- मद्रास विश्वविद्यालय, चेन्नई।
- मणिपुर विश्वविद्यालय, इम्फाल।
- पंजाब विश्वविद्यालय, पटियाला।
- लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ।
No comments:
Post a Comment