हकीकत नहीं भ्रम है यह...
चेहरे पर चमक है, जरूर लड़का होगा, चेहरा थोड़ा डल है, लड़की होगी। ये सारी कहावतें और वाक्य लोगों के जुबान से सुनने को मिल ही जाते हैं, जब घर में या आस-पड़ोस में कोई लडीज प्रेगनेंट होती है तो। किसी महिला को लड़का होगा या लड़की, साइंटिस्ट तो दूर, यहां तक कि डॉक्टर्स भी उसे देखकर नहीं पहचान पाते हैं।
महिला प्रेग्नेंट हुई नहीं कि दुनिया भर के टोटके घर वाले करने लगते हैं। कभी घर से बाहर सिर खुला रखकर नहीं निकलना तो कभी विधवा औरत की छाया से दूर रहना। इस तरह की तमाम हिदायत प्रेग्नेंट लेडीज को मिलनी शुरू हो जाती हैं। लड़का होगा या लड़की इसके लिए महिला नहीं, बल्कि पुरूष जिम्मेदार होता है। एक्सपट्र्स का कहना है कि होने वाला बेबी ब्वॉय होगा या गर्ल, मां बनने वाली महिला को देखकर नहीं पता लगाया जा सकता है। किसी महिला के चेहरे को देखकर यह कहना कि फेस साइन कर रहा है तो लड़का होगा या खट्टी चीजें खाने का मन कर रहा है तो लड़की होगी। यह केवल भ्रम होता है।
पुरूषों पर है निर्भर
अक्सर महिलाओं को ही लड़का या लड़की होने के लिए जिम्मेदार समझा जाता है और उसे ताने मारे जाते हैं।
एक्सपट्र्स का कहना है कि किसी भी परिवार में होने वाला बेबी क्या होगा, इसके लिए महिला नहीं बल्कि पुरूष जिम्मेदार होता है, क्योंकि महिला में 23 जोडे क्रोमोसोम केवल एक्स-एक्स होते हैं, जबकि पुरूष् में पाए जाने वाले 23 जोड़े क्रोमोसोम में 22 जोडे तो एक्स-एक्स होते हैं, लेकिन 23वां जोड़ा वाई का होता है, उसी पर लड़का होगा या लड़की निर्भर करता है।
यदि मेल का एक्स क्रोमोसोम फीमेल के एक्स क्रोमोसोम के साथ निषेचित होता है तो लड़की, जबकि मेल का वाई क्रोमोसोम फीमेल के एक्स क्रोमोसोम के साथ निषेचन की क्रिया करता है तो लड़का होता है। इसलिए लड़का होगा या लड़की इसके लिए दूर-दूर तक महिला जिम्मेदार नहीं होती है।
लग चुका है बैन
एक्सपट्र्स का कहना है किसी भी महिला को देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि लड़का होगा या लड़की। अब्नॉटिक फ्लूएड को निकालकर क्रोमोसोम का टेस्ट कर केवल पता लगाया जा सकता है कि होने वाले बेबी का सेक्स क्या होगा, लेकिन इन सारे टेस्ट के ऊपर सरकार द्वारा बैन लगा दिया गया है। यदि इस टेस्ट को कोई कराता है तो उस पर कानूनी कारवाई की जाती है।
तुक्का हो जाता है सच
अक्सर देखने या सुनने को मिल जाता है कि घर के बुजुर्ग द्वारा कही गई बात कई बार सच हो जाती है। एक्सपट्र्स का मानना है कि प्रेग्नेंट लेडी को देखकर बुजुर्गो द्वारा कही गयी बात कई बार सच हो जाती है, लेकिन ये महज एक संयोग होता है।
डाइट का होता है इफेक्ट
प्रेग्नेंट लेडी के फेस पर साइनिंग होना या न होना, केवल उसके खानपान और बॉडी की टेंडेंसी पर निर्भर करता है। इससे उसे होने वाली बेबी के सेक्स का पता नहीं लगाया जा सकता है। बैलेंस डाइट लेने से महिला स्वस्थ रहती है और उसके चेहरे पर साइनिंग बरकरार रहती है।
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