क्रिमिनोलॉजी यानी अपराध विज्ञान ही वो साधनबिना ऑक्सीजन के भी जीते हैं कुछ जीव
हमारा वायुमण्डल कई तरह की गैसों के मिश्रण से बना हुआ है। इनमें सबसे आवश्यक गैस ऑक्सीजन है, जो प्रत्येक जीव को जीने के लिए जरूरी है। बिना ऑक्सीजन के जीवन की कल्पना भी अभी तक नहीं की जा सकी। किन्तु यदि आपको पता चले कि पृथ्वी पर ही कुछ ऐसे जीव भी हैं जो बिना ऑक्सीजन के जीवित हैं तो आप आश्चर्यचकित हुए बिना नहीं रह सकेंगे! दोस्तों, ऐसा ही कुछ उन वैज्ञानिकों के साथ घटित हुआ जब वे भूमध्यसागर की ला अटलांटा घाटी में काफी गहराई में खोज कर रहे थे।
बीएमसी बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित इस शोध में वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने यहां ऑक्सीजन रहित वातावरण में किसी जीव के पाए जाने का कल्पना तक नहीं की थी। वैज्ञानिकों को अनुमान था कि यहां इतनी गहराई में उन्हें सिर्फ बैक्टीरिया या वायरस ही प्राप्त होंगे किन्तु उनके आश्चर्य की सीमा न रही जब उन्हें यहां कुछ ऐसे जीव मिले जो न सिर्फ बिना ऑक्सीजन के जीवित थे बल्कि प्रजनन भी कर पा रहे थे। ऐसे जीवों को ढूंढ निकालने में जिन वैज्ञानिकों को सफलता हाथ लगी वे हैं इटली के मार्श पॉलीटैिक्नक विश्वविद्यालय के राबर्तो दानोवारो और उनके साथी दल के सदस्य।
भूमध्य सागर के तल में पाए गए ये अनोखे जीव दिखने में जेलीफिश की तरह हैं जिनका आकार एक मिलीमीटर से कम है तथा ये एक सुरक्षित कवच में लिपटे हुए हैं। वैज्ञानिकों ने इन्हें भूमध्यसागर के भीतर 10,000 फीट गहरे साल्टी बेसिन में खोजा है जहां ऑक्सीजन की सम्भावना बिल्कुल नहीं है। प्रोफेसर दानोवारो ने बताया कि इस खोज में ऐसी तीन प्रजातियां पाई गईं जिनमें से दो के अन्दर अण्डे भी थे, अर्थात ये जीव ऑक्सीजन के बिना प्रजनन भी कर पाने में सक्षम थे। वैज्ञानिकों ने बताया कि इन जीवों की कोशिकाओं में माइटोकांिड्रया भी नहीं पाया गया जिसमें ऑक्सीजन से ऊर्जा पैदा की जाती है।
अब तक बिना ऑक्सीजन के जीवित रहने वाले जो जीव खोजे जा चुके थे वे एक कोशिकीय थे जबकि बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकने वाले ये बहुकोशिकीय जीव पहली बार देखे गए। प्रमुख वैज्ञानिक राबटोZ दानोवारो ने बताया कि भूमध्य सागर में काफी गहराई में जाने पर ऑक्सीजन नाममात्र को भी नहीं मिलता, इस खोज से वैज्ञानिक जीवों के पर्यावरण के साथ तालमेल बैठाने की क्षमता से आश्चर्यचकित थे।
खोज से प्राप्त इन जीवों को वैज्ञानिकों ने `लोरिसाीफेरांस? नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि इन जीवों की खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इससे पता लगाया जा सकेगा कि गहरे समुद्र में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ने से पहले किस तरह के जीव रहा करते होंगे। अवश्य ही वैज्ञानिकों की इस खोज से पृथ्वी से परे अन्य ग्रहों पर जो जीवन के होने की आशंका जताई जा रही थीं उन्हें बल मिला है। अब निश्चित तौर पर यह नहीं कहा जा सकता कि क्योंकि अन्य ग्रहों पर ऑक्सीजन नहीं है इसलिए जीवन नहीं है।
इस शोध को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि जाना जा सके आखिर और क्या-क्या परिस्थितियां हो सकती हैं जिनके बल पर भविष्य में बिना ऑक्सीजन के जीवित रहना सम्भव हो सकता है।
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